कलेक्टर श्री यादव ने जारी आदेश में कहा है कि कार्य के लिए प्रदत्त प्रशासकीय स्वीकृति में ही कार्य पूर्ण किया जाय। यदि स्वीकृत राशि से अधिक राशि व्यय की जाती है तो इसका समस्त दायित्व क्रियान्वयन एजेंसी का होगा। साथ ही कार्य मनरेगा योजना से स्वीकृत है इसलिए ठेका पद्धति से कार्य किया जाना प्रतिबंधित है।
जिला पंचायत के सीईओ शिशिर गेमावत ने निर्माण एजेंसी को निर्देशित किया है कि निर्माण कार्य का संपादन स्वीकृत प्राक्कलन, रूपांकन, समाहित मानक के अनुसार किया जाए। निर्माण कार्य में उचित गुणवत्तापूर्ण निर्माण सामग्री का उपयोग किया जाए। साथ ही कार्यस्थल पर क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा मजदूरों को पीने का पानी, फर्स्ट एड किट, छाया की व्यवस्था, छ: वर्ष से कम आयु के पांच से अधिक बच्चों पर झूला घर, छ: वर्ष कम उम्र के पांच से अधिक बच्चे हो तो पृथक से एक महिला को बच्चों को देख-रेख हेतु रखा जाए।
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