कटनी :- एक तरफ पुलिस अधीक्षक अभिजीत कुमार रंजन अपनी छोटी बड़ी सफलता को उजागर करने के लिए। पत्रकारों क़ो बड़े ही मान सम्मान के साथ पत्रकारवार्ता में आमंत्रित करते हैं। तो वहीं दूसरी ओर उन्हीं के निचले स्तर की पुलिस,पत्रकारों के साथ बीच सड़क में हुज्जत करने में लगी है। आपको बता दे कि, होलिका दहन के दिन शाम लगभग 4 साढ़े 4 बजे झिंझरी समीप, मारुती सुजुकी कार शो रूम के पास जब एक युवक शराब के नशे में, जबलपुर नेशनल हाईवे मार्ग पर कार चलाते हुए, एक दूसरी कार से टकरा गया था, तो वहीं दूसरी ओर पुलिस लाईन में पदस्थ रक्षित निरीक्षक उसी जगह पर खुलेआम गुंडागर्दी करने में लगी रही। आपको जानकर कर हैरानी होगी कि। ये लेडी मोहतरमा को वर्दी का ऐसा नशा चढ़ा हुआ था कि, पत्रकारों की टीम को ही सार्वजनिक रूप से सबके सामने, खुलेआम धमकी नहीं बल्कि धमकियों से नवाज डाला। आपको बता दे कि, ये कोई और नहीं पुलिस लाईन झिंझरी में तैनात, आर. आई. संध्या राजपूत की करतूत थी। जो पत्रकारों को उनके कवरेज करने से रोकने के मामले से जुड़ा हुआ था। शायद उस समय पत्रकारों का घटना स्थल पर पहुंचकर, सड़क दुर्घटना को कवर करने से,आर.आई. संध्या राजपूत की होने वाली सेटिंग में,पत्रकार बाधा बन रहे थे। और उनकी सेटिंग, सेट होने की जगह डगमगाने की कगार पर आ खड़ी हुई थी। सेटिंग बिगड़ता देख पत्रकारों को कवरेज करने के दौरान, उनका मोबाईल फोन छीन लिया। इतना ही नहीं वहाँ सड़क पर लगभग आधा सैकड़ा लोगों का मजमा लगा हुआ था। और तो और आने जाने वाले राहगीरों की भी नजर आरआई श्रीमति राजपूत की हरकत को देख रही थी। उसके बावजूद वर्दी के नशे में चूर संध्या राजपूत, नें सबके सामने पत्रकारों का मोबाईल छीनकर, शासकीय कार्य में बाधा डालने का आरोप लगा कर, मामला कायम करने की धमकी दे डाली। धमकी यहीं रुक जाती तो बात और थी। सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि, अपने घमंड के नशे में चूर अपने ही वरिष्ठ अधिकारी की इज्जत की परवाह करना भी मुनासिब नहीं समझा और उनसे फोन पर बात करवाने की बात पर भड़कते हुए, एक और धमकी दे डाली। संध्या राजपूत साफ साफ लफ्जो में अपने वरिष्ठ अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष डेहरिया के लिए यहां तक कह डाला कि। यदि मेरे से बात कराने की कोशिश की, तो अच्छा नहीं होगा। हालांकि ये सारी बाते चल रहे मोबाईल फोन पर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खुद सुन रहे थे। तभी उन्होंने पत्रकार का फोन काटकर, संध्या राजपूत को फोन पर तमीज सिखाते हुए, पत्रकारों का मोबाईल वापस कराया । जिसके बाद पत्रकारों ने इस पूरे मामले की चर्चा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष डेहरिया से उनके निवास पर की। तो उन्होंने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। अब देखना होगा कि, संध्या राजपूत पर क्या कार्रवाई की जाती है। जिससे आने वाले समय में कोई भी ख़ाकीवर्दी धारी। बेवजह किसी भी पत्रकार के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने की गुस्ताखी न कर सके। खैर सबसे मजेदार और चौकानें वाली बात ये है। जिस युवक की वजह से शराब के नशे में वाहन चलाते हुए ये सब हंगामा खड़ा हुआ। उस युवक को संध्या राजपूत अपने सरकारी उड़न खटोले में बल पूर्वक बैठाकर। कहां ले गई। इस बात की जानकारी, किसी भी पुलिस अधिकारी को नहीं लगी। ना ही सम्बंधित माधवनगर थाना प्रभारी को हुई। आखिर उस युवक को संध्या राजपूत कहां ले गई। क्या किया उसके साथ। ना ही शराब के नशे में वाहन चलाने का मामला कायम किया। ना ही उसका मुलाहजा कराया गया। ये अपने आप में एक बड़ा सवाल है। सवाल फिर भी वही है कि। वो नशेड़ी वाहन चालक कौन था। और कहां गया। यदि उसे यूं ही छोड़ दिया गया तो, रक्षित निरीक्षक श्रीमति संध्या राजपूत का क्या भला हुआ।




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